Wednesday, May 6, 2009

Hope

केवल आशा ही एक ऐसी फीलिंग है जो सदा के लिए है। ना तो इसका कोई आदि है और ना कोई अंत। काश आशा कभी साथ ना छोड़ती! वैसे तो यह भी सच है की आशा किसी ना किसी रूप में हमेशा ही साथ रहती है - जाने या अनजाने। जब गारी छूट जाती है तब प्लात्फोर्म पर बैठे रहने की जगह की आशा होती है और जब बैठने को मिलता है तब लेटने की जगह की आशा रहती है.